“शिक्षक शिक्षा का बदलता परिदृश्य” शीर्षक पर डायट लोहाघाट में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उद्घाटन जिलाधिकारी श्री विनीत तोमर, अपर निदेशक एससीईआरटी डॉ आरडी शर्मा के साथ ही संयुक्त निदेशक एससीईआरटी कंचन देवराडी द्वारा किया गया । राष्ट्रीय सेमिनार में देश भर के 75 शोधार्थियों, शोधवेत्ताओं एवं शिक्षाविदों द्वारा अपने शोध जमा किए गए। लगभग 40 चयनित प्रतिभागी 2 दिन तक अपने शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण करेंगे। उद्घाटन अवसर पर जिलाधिकारी श्री विनीत तोमर ने गत दशक में तीव्र गति से परिवर्तित हो रही शिक्षा व्यवस्था एवं छात्र छात्राओं के उपलब्धि स्तर में तकनीकी के प्रभाव पर प्रकाश डाला।
अपर निदेशक एससीईआरटी द्वारा नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन एवं विद्यार्थी आकलन की चुनौतियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। संयुक्त निदेशक कंचन देवराडी ने शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में नवीन प्रावधानों की प्रासंगिकता का जिक्र किया। समारोह में उपस्थित मुख्य वक्ताओं सेवानिवृत्त प्रोफेसर जी एस नयाल, प्रोफेसर गिरजा पांडे एवं अशोक त्रिवेदी ने सेवा पूर्व एवं सेवाकालीन शिक्षक प्रणालियों पर अपने ओजस्वी विचार रखें ।एनसीईआरटी में समग्र शिक्षा के प्रोजेक्ट फेलो धीरज कुमार द्वारा शिक्षकों की शिक्षा के वैकल्पिक प्रयासों पर आधारित अपना शोध प्रस्तुत किया गया। समारोह में डायट प्राचार्य श्री अनिल कुमार मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत कर आभार जताया। सेमिनार के संयोजक कमल गहतोड़ी द्वारा अवगत कराया गया कि शोधार्थियों के शोध पत्रों को राष्ट्रीय स्तर पर जर्नल में मुद्रित करवाया जाएगा। सह संयोजक डॉ एस यादव द्वारा आगंतुकों का आवाहन किया कि शोध को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया जाना बेहतर होगा। इससे पहले अपर निदेशक एवं अन्य शोधार्थियों द्वारा पूर्व शिक्षाविदों चिरंजी लाल वर्मा, हयात सिंह तड़ागी, कीर्ति गहतोड़ी, भुवन जोशी, बाला दत्त एवं माधवानंद गहतोड़ी को सम्मानित किया गया पहले दिन के आयोजन में डाइट से डॉ अवनीश शर्मा, लता आर्य, पारुल शर्मा, नवीन उपाध्याय, डॉ नवीन जोशी, दीपक सोरड़ी, सोनाली, मनोज भाकुनी, अरुण तलनिया, शिवराज तड़ागी, नवीन ओली, मोहन ढेक, संजय, पंकज आदि ने महत्वपूर्ण सहयोग दिया।