खटीमा : शक की सनक इस कदर सवार हुई कि एक व्यक्ति ने शनिवार रात सो रही अपनी पत्नी की गर्दन पर फावड़ा मारकर उसकी नृशंस हत्या कर दी। वारदात से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। बेटे की तहरीर पर पुलिस ने हत्यारोपी पति के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक भुजिया नंबर एक, नौगवांठग्गू निवासी मेघनाथ ने शनिवार शाम परिवार के साथ भोजन किया। रात करीब साढ़े 11 बजे उसने सो रही पत्नी आशा देवी (56) की गर्दन पर फावड़े से वार कर दिया। चीखने की आवाज सुनकर दूसरे कमरे में अपनी दो बेटियों के साथ सो रही बहू पिंकी उठ गई। सास का क्षत-विक्षत शव देखकर वह घबरा गई। थोड़ी देर में पड़ोस के लोग भी वहां पहुंच गए।
पीलीभीत रोड स्थित एक फैक्टरी में नाइट ड्यूटी कर रहे बेटे नरेंद्र कुमार को जैसे ही फोन पर मां की हत्या की सूचना मिली तो वह दौड़कर घर पहुंचा। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर हत्यारोपी को पकड़ लिया। रविवार सुबह फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किए।
मृतका के बेटे नरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उनका परिवार मूलरूप से ग्राम बमरौली, बीसलपुर, पीलीभीत (यूपी) का रहने वाला है। परिवार करीब 12-13 साल से भुजिया नंबर एक नौगवांठग्गू में किराये के मकान में रह रहा है। इससे पूर्व उनका परिवार चारूबेटा में रहता था। नरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसके पिता मां पर शक करते थे। कोतवाल प्रकाश सिंह दानू ने आशंका जताई कि संदेह के चलते ही मेघनाथ ने पत्नी आशा की हत्या की होगी।
वहीं, सीओ सितारगंज बहादुर सिंह चौहान ने बताया कि पुत्र की तहरीर पर मेघनाथ के विरुद्ध हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। उसे गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।
60 साल का मेघनाथ पत्नी की हत्या करने के बाद घटनास्थल पर ही बैठा रहा। उसने फोन से यूपी स्थित गांव में एक परिजन को पत्नी की हत्या करने की सूचना दी। शनिवार देर रात करीब 12 बजे जब भुजिया नंबर एक के लोगों और पड़ोसियों को आशा देवी की हत्या की सूचना मिली तो वे उनके घर पहुंचे। आशा की हत्या से लोग हतप्रभ हैं।
आसपास के लोगों ने कहा कि आशा देवी बेहद सज्जन व नेकदिल महिला थी। मेघनाथ पीलीभीत रोड स्थित एक फैक्टरी में काम करता था। रिटायर होने के बाद वह घर पर ही रहता था। अब उसी फैक्टरी में उसका पुत्र नरेंद्र काम करता है। शनिवार शाम करीब चार बजे नरेंद्र काम पर चला गया था। इसके बाद घर पर मेघनाथ, उसकी पत्नी आशा देवी, बहू पिंकी और दो पोतियां थीं। शाम को भोजन करने बाद सभी सो गए थे। रात करीब साढ़े 11 बजे मेघनाथ ने फावड़े से पत्नी की हत्या कर दी।