राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में हल्द्वानी के गौलापार में उच्च न्यायालय की स्थापना हेतु प्रस्तावित स्थल के आस-पास के क्षेत्र को फ्रीज जोन घोषित करने के बाद अब आवास विभाग यहां का मास्टर प्लान तैयार करेगा। उसके बाद ही निर्माण हो सकेंगे। इस क्षेत्र में फिलहाल कोई निर्माण नहीं हो सकेगा। आवास विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी करते हुए मास्टर प्लान बनने तक यहां सभी निर्माण और विकास गतिविधियों पर रोक लगा दी है। अधिसूचना के मुताबिक, उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम 1973 की धारा-3 के अंतर्गत गौलापार में हाईकोर्ट के निर्माण का प्रस्तावित स्थल जिलास्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल का विकास क्षेत्र घोषित किया गया है।ज्ञात हो कि नैनीताल शहर की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं नैनीताल शहर पर बढते अतिरिक्त दबाव के कारण उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित किए जाने का निर्णय लिया जा चुका है। हल्द्वानी में हाई कोर्ट की स्थापना के लिए गौलापार क्षेत्र में 26.08 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है।इस स्थान पर हाई कोर्ट निर्माण की घोषणा होते ही इलाके में तेजी से जमीनों की खरीद-फरोख्त व भवन निर्माण होने लगे थे इसे देखते हुए मंत्रिमंडल की बैठक में गौलापार में चिन्हित क्षेत्र के आस-पास अनियमित एवं अनधिकृत निर्माण को रोकने हेतु प्रस्तावित स्थल के क्षेत्र को महायोजना बनने तक फ्रीज जोन घोषित किए जाने का निर्णय लिया गयाहै।16 नवंबर 2022 को धामी मंत्रिमंडल ने उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी में शिफ्ट करने पर मोहर लगाई थी. इसके बाद हल्द्वानी में हाईकोर्ट को शिफ्ट करने को लेकर जमीन तलाशी गई. हल्द्वानी क्रिकेट स्टेडियम के समीप 26.08 हेक्टेयर वन भूमि पर हाईकोर्ट को शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया
गौलापार में हाई कोर्ट के लिये प्रस्तावित स्थल के आस-पास का क्षेत्र फ्रीज जोन घोषित
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