भाकपा माले का “भाजपा हटाओ – उत्तराखण्ड बचाओ” जन अभियान जुलूस और नुक्कड़ सभा के साथ शुरू

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लालकुआं

  • वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी ने फोल्डर जारी कर अभियान की शुरुआत की
  • 6 नवंबर को बिजली के प्रीपेड मीटर लगाने और निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया जायेगा

उत्तराखण्ड में लूट-झूठ-फूट की राजनीति को ध्वस्त करो, भाजपा हटाओ -उत्तराखण्ड बचाओ के नारे के साथ 25 अक्तूबर से भाकपा माले के एक माह का राज्यव्यापी जन अभियान आज से शुरू हुआ। राज्यव्यापी जन अभियान की नैनीताल जिले में शुरुआत वरिष्ठ माले नेता बहादुर सिंह जंगी ने पार्टी ऑफिस, दीपक बोस भवन, कार रोड, बिंदुखत्ता में अभियान का फोल्डर जारी कर की। उसके पश्चात् कार रोड में जुलूस निकाल कर प्रदर्शन किया गया और कार रोड चौराहा पर नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया व बाजार में परचा वितरण किया गया।

भाकपा माले के वरिष्ठ नेता बहादुर सिंह जंगी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि, भाजपा सरकार की नीति है जनता को धार्मिक आधार पर विभाजित कर नफरत और घृणा को तेज करते हुए बड़े पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाया जाय। उत्तराखंड की भाजपा की पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार ठीक यही कर रही है। उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद अब तक सर्वाधिक समय भाजपा ही सत्ता में रही है। वह राज्य को बेहतरी के रास्ते पर तो नहीं ले जा सकी। लेकिन संसाधनों की लूट और सांप्रदायिक फूट की प्रयोगशाला जरूर वह, उत्तराखंड को बनाना चाहती है। उत्तराखंड की बेहतरी के लिए जरूरी है कि सबसे पहले इसे भाजपा की लूट-झूठ और फूट की राजनीति की प्रयोगशाला बनने से बचाया जाये। उत्तराखंड की बेहतरी के लिए कॉमरेड चंद्र सिंह गढ़वाली, कॉमरेड नागेंद्र सकलानी जैसे योद्धाओं से प्रेरणा ग्रहण करते हुए उत्तराखंड की राजनीति को सही दिशा में ले जाना वक्त की मांग है।

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भाकपा माले के नैनीताल जिला सचिव डा कैलाश पाण्डेय ने कहा कि,राज्य में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। एक कैबिनेट मंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने को सरकार से विजिलेंस अदालत कह चुकी है लेकिन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री धामी अपने मंत्री को बचाने के लिए चुप्पी साधे हुए हैं। 58 हज़ार से अधिक सरकारी पद खाली होने पर भी पढ़े-लिखे बेरोजगार युवा दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। यूकेएसएससी से लेकर विधानसभा तक राज्य में युवाओं की नौकरी पर किस तरह डाका डाला गया, यह सबने देखा। लेकिन गुनहगार कानून के शिकंजे से फिर भी सुरक्षित ही हैं। नौकरी दिलवाने के नाम पर लोगों को ठगने और ऐसा करने में भाजपा नेताओं का नाम आने का सिलसिला भी जारी है।
उन्होंने कहा कि, आवारा पशु, मानव जीवन और खेती के लिए तबाही का सबब बन रहे हैं। गायों के संरक्षण के नाम पर बने कानून ने गौवंश की दुर्दशा को कई गुना बढ़ा दिया है। इसके चलते पशुपालन पर आधारित कृषि अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है, आवारा गोवंश से खेती किसानी चौपट हो रही है और आए दिन सड़क दुर्घटनाओं में लोग जान गंवा रहे हैं। लेकिन भाजपा के लिए गाय सिर्फ राजनीति करने का माध्यम है, उसकी दुर्दशा और उसके चलते लोगों को पैदा हुई दिक्कतों से उसे कोई सरोकार नहीं है।
महिलाओं और युवतियों के साथ हिंसा, राज्य में आए दिन की बात होती जा रही है। अंकिता भंडारी हत्याकांड का वीआईपी अभी भी खुला घूम रहा है। महिलाओं एवं युवतियों के साथ यौन हिंसा के मामलों और उसमें सत्ताधारी पार्टी भाजपा से जुड़े नेताओं की संलिप्तता की भी एक श्रृंखला जैसी है। सत्तापक्ष और उसके संरक्षित संगठन ऐसे मामलों पर खामोशी ओढ़ लेते हैं। उनकी चुप्पी तभी टूटती है, जबकि महिला उत्पीड़न के किसी मामले में सांप्रदायिक उन्माद पैदा करने का कोई अवसर हो। “लव जेहाद”, “लैंड जेहाद”, “थूक जेहाद” जैसे आधारहीन, गैरकानूनी और असंवैधानिक जुमलों का निरंतर प्रयोग करके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इस सांप्रदायिक अभियान की अगुवाई करते नजर आते हैं, जो कि बेहद शर्मनाक है।

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इस अवसर पर तय किया गया कि 6 नवंबर को सरकार की प्रीपेड बिजली मीटर लगाने की नीति, विद्युत विभाग के निजीकरण और भारी बिजली बिलों के खिलाफ विद्युत विभाग लालकुआं के सम्मुख प्रदर्शन किया जायेगा।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से बहादुर सिंह जंगी, डा कैलाश पाण्डेय, पुष्कर दुबड़िया, विमला रौथाण, नैन सिंह कोरंगा, चन्दन राम, निर्मला शाही, ललित मटियाली, अनीता, प्रमोद कुमार, शेर सिंह, अजय पाल, आयशा आदि शामिल रहे।

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