चंपावत: विशेष सत्र न्यायाधीश पॉक्सो अनुज कुमार संगल की अदालत ने पॉक्सो एक्ट के एक मामले में आरोपी को दोषी करार देते हुए 20 साल की सजा सुनाई. साथ ही कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. वहीं जुर्माना अदा न करने पर दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
मामला चंपावत कोतवाली क्षेत्र के वर्ष 2019 का है. मामले में विशेष सत्र न्यायाधीश चंपावत/ पॉक्सो कोर्ट अनुज कुमार संगल की अदालत ने पॉक्सो एक्ट और धारा 363 के मामले में एक युवक को दोषी पाते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अप्रैल 2019 में पीड़ित के भाई ने चंपावत कोतवाली में तहरीर देकर बताया कि उसकी 16 वर्षीय बहन को आरोपी बहला फुसलाकर अपने साथ ले गया और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. अगली सुबह वह बहन को घर छोड़ गया, इसके बाद बहन ने अपने साथ हुए सारी बातें बताई. जिसके बाद वह अभियुक्त के पास गया और बहन से शादी करने की बात कही तो वह मुकर गया. इसके बाद भाई ने आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की.
तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, एससी एसटी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. पूरे मामले में कोर्ट ने गवाह और फोरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर आरोपी को दोषी पाते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. जुर्माना अदा न करने पर दोषी को धारा 363 भादंसं के तहत तीन माह की और धारा 376 (3) के तहत एक साल का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा. अदालत ने दोषी को धारा 366 (ए) भादंसं और धारा 3 (2) (5) एससी एसटी अधिनियम में दोषमुक्त किया है.
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