उत्तराखंड में स्थित यूपी के नियंत्रण वाली परिसंपत्तियों को पाने के लिए प्रदेश सरकार नए सिरे से करेगी दावा

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देहरादून। उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, ईमानदारी से टैक्स रिटर्न फाइल कर रहे अच्छे करदाता व्यापारियों को प्रदेश सरकार की ओर से सम्मानित किया जाएगा। व्यापारियों के सहयोग से उत्तराखंड जीएसटी संग्रहण में देश में दूसरे स्थान पर है। जुलाई 2024 में 815 करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रहण किया गया, जो बीते वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने उत्तराखंड में स्थित यूपी के नियंत्रण वाली परिसंपत्तियों को पाने के लिए प्रदेश सरकार नए सिरे से दावा करेगी।
एक होटल में राज्य कर विभाग व इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सहयोग से जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए निर्णय व केंद्रीय बजट में जीएसटी प्रावधानों में प्रस्तावित बदलावों पर कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें व्यापारियों व उद्यमियों को प्रावधानों में किए गए बदलाव के बारे में जानकारी दी गई।
वित्त मंत्री ने कहा, बिल लाओ इनाम पाओ योजना 31 मार्च 2024 को समाप्त हो गई है। योजना को लेकर उपभोक्ताओं में काफी उत्साह देखा गया। कहा, जनता की मांग पर योजना को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए विभाग को प्रस्ताव बनाने को कहा गया। कहा, व्यापार में टैक्स संबंधी वादों को खत्म करने, कारोबार को सुगम व सरलीकरण बनाने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है।
वित्त मंत्री ने कहा, व्यापार में आने वाली समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रदेश सरकार व्यापारियों से निरंतर संवाद कर रही है। केंद्रीय बजट को लेकर कुछ लोग भ्रांतियां फैला रहे कि आंध्र प्रदेश व बिहार राज्य का बजट है, जबकि बजट को पूरे देश को देखते हुए बनाया जाता है। कार्यशाला में मनीष मिश्रा व अनुपम वर्मा ने जीएसटी प्रावधानों के बारे में बताया।
वित्त मंत्री ने उत्तराखंड में स्थित यूपी के नियंत्रण वाली परिसंपत्तियों को पाने के लिए प्रदेश सरकार नए सिरे से दावा करेगी। इस संबंध में पुनर्गठन विभाग के अफसरों को तैयारियां करने के निर्देश दिए गए हैं। परिसंपत्ति बंटवारे में एक बार पूर्व में सहमति बन चुकी है, लेकिन राज्य हित में सरकार दोबारा से पहल करने जा रही है। कहा, यूपी के स्वामित्व वाली हरिद्वार की 697 हेक्टेयर भूमि, ऊधमसिंह नगर में 232 हेक्टेयर, चंपावत में 208 हेक्टेयर भूमि पर यूपी का नियंत्रण है। राज्य के भीतर की संपत्ति पर दूसरे राज्य का स्वामित्व विसंगतिपूर्ण है

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