आप नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शराब घोटाला मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया है। अब अगली सुनवाई छह अप्रैल को होगी।
हाईप्रोफाइल की हो सकती है गिरफ्तारी
सीबीआई ने अदालत के समक्ष तर्क रखा कि आबकारी नीति मामले में जल्द ही कुछ और हाईप्रोफाइल लोगों को गिरफ्तारी हो सकती है। जांच एजेंसी ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर विरोध जताते हुए अदालत के समक्ष तर्क रखा। सीबीआई ने कहा, मामले में जांच चल रही है और आरोपी इसमें बाधा डाल सकते हैं।
उच्चतम न्यायालय की ओर से उपचारात्मक जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद सिसोदिया अपनी जमानत याचिका पर जोर दे रहे हैं। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने सिसोदिया के वरिष्ठ वकील मोहित माथुर और सीबीआई के अतिरिक्त लोक अभियोजक पंकज गुप्ता की दलीलें सुनने के बाद प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दलीलें सुनने के लिए मामले की सुनवाई 22 मार्च तय की है।
सिसोदिया की और से पेश वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने तर्क रखा कि सुप्रीम कोर्ट ने देखा है कि 13 महीने बीत चुके हैं उनके के भागने का ख़तरा नहीं है। सबूतों से छेड़छाड़ की कोई संभावना नहीं है। दरअसल, अब कोई सबूत नहीं बचा है. सभी सरकारी गवाह बन गए हैं।
वरिष्ठ अधिवक्ता माथुर ने कहा कि दूसरे आरोपी को जमानत दे दी गई, चाहे यह कितनी भी विडंबनापूर्ण क्यों न हो। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें केवल इसलिए छूट दी क्योंकि एएसजी ने कहा था कि वह जांच को समाप्त कर देंगे। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा तथ्य यह है कि सरकारी खजाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि सरकारी खजाने को लाभ हुआ है। किसी भी निजी व्यक्ति या किसी उपभोक्ता को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है। उनके द्वारा कोई पैसा नहीं दिया गया था।
वहीं एपीपी पंकज गुप्ता ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए हमारी तरफ से कोई देरी नहीं हुई। आरोप पर बहस के बाद सुनवाई शुरू होती है. हम उसे शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा आरोपी मुकदमे में देरी कर रहे हैं