सोनिया गांधी के बाद रायबरेली में कौन? इस बड़े सवाल का हल कांग्रेस आलाकमान ने करीब करीब ढूंढ लिया है। इंतजार है तो पहले चरण के चुनाव के पूरे होने का। इसके बाद रायबरेली के रण में प्रियंका के उतरने के संकेत शनिवार को जिला कार्यकारिणी को मिले हैं। इसके बाद से शांत बैठे कार्यकर्ता उत्साहित नजर आए।
प्रियंका को यहां से चुनाव लड़ाने के लिए जिला कमेटी के पदाधिकारी फरवरी में दस जनपथ पहुंचकर गुहार लगा चुके हैं। रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए इस चुनाव में बहुत महत्वपूर्ण है। सपा के साथ गठबंधन के कारण कांग्रेस के हिस्से में 17 सीटें आईं हैं। रायबरेली से प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की कोशिश भी करेगी। कांग्रेस के थिंक टैंक का मानना है कि प्रियंका गांधी यदि रायबरेली से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करती हैं तो इसका एक बड़ा संदेश प्रदेश की हर लोकसभा सीट पर जाएगा, जिसका फायदा इंडिया गठबंधन को मिलेगा।
रायबरेली में प्रियंका गांधी की लोकप्रियता उसी तरह है जिस तरह उनकी दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी की। प्रियंका ने पहली बार रायबरेली में 1999 के लोकसभा चुनाव के दौरान कदम रखा। उस समय कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन सतीश शर्मा के चुनाव की पूरी बागडोर प्रियंका ने संभाली। इसका नतीजा यह रहा कि कैप्टन सतीश शर्मा ने चुनाव जीता। प्रियंका ने इस दौरान जिले में घूम-घूमकर प्रचार किया था। सन 2004 के लोकसभा चुनाव में जब सोनिया गांधी मैदान में उतरीं तो प्रियंका ने उनके चुनाव का प्रबंधन खुद संभाला